The Science of Janev: Health Benefits Hidden in Tradition

The Science of Janev: Health Benefits Hidden in Tradition

Janev को लोग केवल एक धागा समझते हैं किंतु ऐसा नहीं है इसके पीछे पूरा का पूरा विज्ञान छुपा हुआ है बहुत कम लोगों को यह भी पता होगा की व्यक्ति को दो Janev धरण कराया जाता है अपने कंधे पर यज्ञोपवीत है इसका मंत्र एहसास होने से ही मनुष्य अधर्म से दूर होने लगता है कुछ लोग ऐसा मानते हैं की केवल ब्राह्मण ही Janev पहनते हैं लेकिन ऐसा नहीं है जनेऊ को बनाने की भी प्रक्रिया बहुत ही जटिल है इसमें सात सात ग्रंथियां लग जाति है जनेऊ धारण किये बिना किसी को भी गायत्री मंत्र करने या वेद पाठ करने का अधिकार नहीं है इस लेख में हम के बारे में पूरी तरह से जानेंगे।

Janev Kya Hota Hai

Janev को संस्कृत में यज्ञोपवीत कहते हैं. यह 3 धागों वाला सूत होता है जिसे पुरुष अपने बाएं कंधे के ऊपर और दाईं भुजा के नीचे पहनते हैं. जनेऊ को बेहद पवित्र माना जाता है हिंदू धर्म में Janev कितना महत्वपूर्ण और पवित्र माना जाता है इसे बताने की तो आवश्यकता है नहीं हालांकि जनेऊ को लेकर लोगों में कई भ्रांतियां मौजूद हैं कुछ लोग ऐसा मानते हैं की

केवल ब्राह्मण ही जनेऊ पहनते हैं लेकिन ऐसा नहीं है हिंदू धर्म में किसी भी वर्ण के व्यक्ति इसे धारण कर सकते हैं कुछ लोग जनेऊ को धर्म से भी जोड़ने हैं जबकि इसका कहानी विज्ञान से भी जुड़ा है जनेऊ को लोग केवल एक धागा समझते हैं किंतु ऐसा नहीं है इसके पीछे पूरा का पूरा विज्ञानं छुपा है

The Science of Janev: Health Benefits Hidden in Tradition
The Science of Janev

Janev Ke Bare Me Science Kya Bolta Hai

आप में से बहुत ही कम लोगों को पता होगा की जनेऊ पहने से व्यक्ति को लकवा से सुरक्षा मिल जाति है कहा गया है की जनेऊ धरण करने वाले को लघु शंका करते समय दांत पर दांत बैठा कर रहना चाहिए अन्यथा अधर्म होता है वास्तव में इसके पीछे विज्ञान का एक गहरा रहस्य छिपा है क्योंकि तात्पर दांत बैठा कर रहने से आदमी को लकवा नहीं मारता .

जनेऊ को दाहिनी कान पर बांधने की परंपरा है आयुर्वेद के अनुसार दाहिनी कान पर कुछ विशेष बिंदु होते हैं जो मूत्र त्याग के दौरान मूत्राशय को नियंत्रित करने में हमारे सहायता करते हैं जिससे शरीर में वीर्य शक्ति का संरक्षण होता है और मूत्राशय के काम करने भी सुधार आता है।

जनेऊ को कान पर से हटने से पहले उसे अच्छी तरह से धोना पड़ता है यह व्यक्ति को नियंत्रित रूप से साफ सफाई करने में सहायता करता है जिससे कई तरह से संक्रमण और रोगों से बचा जाता है

आज कल सभी लोग भाग दौड़ की जिंदगी जि रहे है जिसे उनका मानसिक स्थिरता और अनुशासन गुस्सा उनके बस में नहीं रहता है। माना जाता है जनेऊ धारण करने से व्यक्ति में एक प्रकार की मानसिक स्थिरता और अनुशासन और अपने गुस्से को नियत्रण करने की शक्ति बढ़ जाती है , जिससे ध्यान केंद्रित करने और मानसिक रूप से स्थिर रहने में मदद मिलती है।

Janev Pahanane Se Kya Phayda Hai

  • जनेऊ केवल धार्मिक रस्सी नहीं है बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी माना जाता है ब्रह्मचारी को तीन धागों वाला और विवाहित पुरुष को छह धागों वाला जनेऊ धारण करते है जिसे मुँह पेट और अन्य शारीरिक रोगो से हमें बचाता है
  • जब जनेऊ धारण करने वाला मूत्र विषर्जन करता है तो जनेऊ को अपने दाएं कान लपेट लेता है वीर्य के बाहर निकलने की संभावना कम होती है। और हमें इससे हृदय और पाचन से जुड़े रोगों में भी लाभ मिलता है।
  • जब जनेऊ धारण करने वाला मूत्र विषर्जन करता है तो जनेऊ को अपने दाएं कान लपेट लेता है जनेऊ में ऐसा परम्परा है की जनेऊ को 1 बार उतारने के बाद अच्छे से हाथ धोकर और सफाई करके ही कान से जनेऊ उतारना चाहिए यह नियम जीवाणुओं से बचाव के लिए लाभकारी है।
  • जिन बच्चों को बिस्तर गीला करने की समस्या है, उनके दाएं कान पर धागा बांधने से यह आदत नियंत्रित होती है।
  • बर्हमचारी युवकों के जनेऊ की लंबाई लगभग 1.5 से 2 मीटर होती है। इसे दाएं कंधे से लेकर बाएं कूल्हे तक रखा जाता है।
  • विवाहित युवकों के जनेऊ की लंबाई लगभग 2 मीटर होती है, लेकिन यह बर्हमचारी युवकों के जनेऊ से थोड़ा अलग हो सकता है।
  • Electric Vahan Subsidy : अब बाइक या स्कूटी लेने पर सरकार देगी 30000 रुपए .
The Science of Janev: Health Benefits Hidden in Tradition
The Science of Janev

FAQ :- Janev

Que :- Janev Kya Hota Hai

Ans :- Janev को संस्कृत में यज्ञोपवीत कहते हैं. यह 3 धागों वाला सूत होता है जिसे पुरुष अपने बाएं कंधे के ऊपर और दाईं भुजा के नीचे पहनते हैं. जनेऊ को बेहद पवित्र माना जाता है
Que :- Janev Kya Hota Hai

Ans :- Janev को संस्कृत में यज्ञोपवीत कहते हैं. यह 3 धागों वाला सूत होता है जिसे पुरुष अपने बाएं कंधे के ऊपर और दाईं भुजा के नीचे पहनते हैं. जनेऊ को बेहद पवित्र माना जाता है

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